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Thursday 15 June 2017

PAK से चीन में हुई बहुत बड़ी चूक , दिल्ली (भारत ) के लाल किले को बता बैठा अपना |||






पाकिस्तान से चीन में हुई बहुत बड़ी चूक , दिल्ली (भारत ) के लाल किले को बता बैठा  अपना |||

शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (SCO) के एक कार्यक्रम में पाकिस्तान एक गलती कर बैठा. SCO में सभी देश अपनी-अपनी ऐतिहासिक विरासत का परिचय दे रहे थे. तभी पाकिस्तानी दल ने लाल किले की तस्वीर को लाहौर के शालिमार गार्डन्स स्थित एक किले की फोटो बता दिया.

ये थी घटना

भारत और पाकिस्तान SCO के बाकी सदस्य राष्ट्रों के आगे अपनी ऐतिहासिक विरासत का परिचय दे रहे थे. दोनों देशों ने मिलकर मुगल बादशाह शाहजहां को अपनी विरासत का हिस्सा बताया. इसी चक्कर में पाकिस्तान एक मजेदार गलती कर बैठा. पाकिस्तानी दल ने दिल्ली स्थित लाल किले की एक तस्वीर दिखाई. इस तस्वीर में लाल किले पर भारत का तिरंगा झंडा लहरा रहा था. उन्होंने लाला किले की फोटो को लाहौर के शालिमार गार्डन्स स्थित एक किले की फोटो बता दिया.

एससीओ के अधिकारी ने मानी अपनी गलती कार्यक्रम में उस तस्वीर को देख भारतीय और पाकिस्तानी राजनयिक ने इस पर विरोध जताया. इस पर एससीओ के अधिकारियों ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि दरसल यह गलती समारोह के आयोजकों की तरफ से हुई थी. इन लोगों ने फोटो क्रॉसचेक करना चाहिए था जो कि उन्होंने नहीं किया.

क्या है शंघाई सहयोग संगठन साल 1996 में रूस, चीन, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे देशों ने आपसी तालमेल और सहयोग को लेकर सहमत हुए थे और तब इस शंघाई-5 के नाम से जाना जाता था.

चीन, रूस और चार मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के नेताओं ने जून 2001 में इस संगठन की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य नस्लीय और धार्मिक चरमपंथ से निबटने और व्यापार और निवेश को बढ़ाने का था.

SCO के सभी 8 देश- चीन, भारत, रूस, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की.

भारत इसमें कैसे हुआ शामिल सितंबर 2014 में भारत ने शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता के लिए आवेदन किया. रूस के उफ़ा में भारत को शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य का दर्जा मिलने का ऐलान 2015 में हुआ. उफा में हुए सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ दोनों मौजूद थे. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भारत और पाकिस्तान की सदस्यता मंजूर करने की घोषणा की थी.

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